यदि हम सभी इस संसार को कल्पना के स्वर्ग से भी अधिक सुन्दर व पावन बनाकर अपने जीवन लक्ष्य को पूरा करना व जीवन को
सफल बनाना चाहतें हैं तो हम सभी को आज से और अभी से धर्मवाद, जातिवाद रंगवाद व सीमावाद आदि जैसी भयंकर विनाशकारी
भावनाओं से उत्पन्न द्वेष व वेमनुश्यता आदि को भुलाकर हाथ से हाथ ,कंधे से कन्धा मिलाकर पूरे समर्पण, पूरे उत्साह व पूरे जोश के
साथ इस संसार के सुनहरे भविष्य को उज्ज्वल बनाने की ओर अग्रसर होंClick Now
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