Human Welfare Evolutionary Organization
संस्थापक द्वारा अपील
क्यों न कुछ ऐसा करें …….
हे इस पावन विश्वम्भरा के प्रियजनों !!
आओ अब सब मिलकर, क्यों न एक नये जीवन की बुनियाद रखें हम,
जब जन्म लिया है इस जग में तो, क्यों न एक महान इतिहास रचें हम,
हम सुन्दर प्राणी इस विश्वम्भरा के तो, क्यों न एक अनुपम उपहार बनें हम,
इस जग में न आई कभी प्रेम-क्रांति तो, क्यों न इस महान क्रांति की शुरुआत करें हम,
जिसमें जाति-धर्म हैं नफरत को पनपाने वाले तो, क्यों न ऐसे शब्दों का परित्याग करें हम,
ये जग तो प्रेम का भूखा है तो, क्यों न प्रेम की बरसात करें हम,
जिनको एक हंसी कभी नसीब न हुई तो, क्यों न उस हंसी की खातिर सर्वस्व कुर्बान करें हम,
मात-पिता को देना है कुछ तो, क्यों न अपना नाम विख्यात करें हम,
अग्रिम पीढ़ी को भी देना है कुछ तो, क्यों न उनके प्रेरणा स्रोत बनें हम,
जब देखे हैं जीवन में सपने तो, क्यों उन सपनो को साकार करें हम,
जब विकास हमारा मकसद है तो, क्यों न विकासवाद की जान बनें हम,
आत्मीयता से भरा है अपना रिश्ता तो, क्यों न मानवता की शान बनें हम,
जब ठान लिया है मन में तो, क्यों न अटल इरादों को और मजबूत बना लें हम ।।
हे इस पावन विश्वम्भरा के प्रियजनों !!
आओ अब सब मिलकर, क्यों न एक नये जीवन की बुनियाद रखें हम,
जब जन्म लिया है इस जग में तो, क्यों न एक महान इतिहास रचें हम,
हम सुन्दर प्राणी इस विश्वम्भरा के तो, क्यों न एक अनुपम उपहार बनें हम,
इस जग में न आई कभी प्रेम-क्रांति तो, क्यों न इस महान क्रांति की शुरुआत करें हम,
जिसमें जाति-धर्म हैं नफरत को पनपाने वाले तो, क्यों न ऐसे शब्दों का परित्याग करें हम,
ये जग तो प्रेम का भूखा है तो, क्यों न प्रेम की बरसात करें हम,
जिनको एक हंसी कभी नसीब न हुई तो, क्यों न उस हंसी की खातिर सर्वस्व कुर्बान करें हम,
मात-पिता को देना है कुछ तो, क्यों न अपना नाम विख्यात करें हम,
अग्रिम पीढ़ी को भी देना है कुछ तो, क्यों न उनके प्रेरणा स्रोत बनें हम,
जब देखे हैं जीवन में सपने तो, क्यों उन सपनो को साकार करें हम,
जब विकास हमारा मकसद है तो, क्यों न विकासवाद की जान बनें हम,
आत्मीयता से भरा है अपना रिश्ता तो, क्यों न मानवता की शान बनें हम,
जब ठान लिया है मन में तो, क्यों न अटल इरादों को और मजबूत बना लें हम ।।
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